फैक्ट चैक: फिलीस्तीन के लोग इजराइल को कर रहे हैं बदनाम करने की कोशिश? जानिए इस वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई
- हमास ने शनिवार को इजराइल पर किया था हमला
- दोनों देशों के बीच जारी है युद्ध
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली।हमास की तरफ से किए गए अचानक हमले के बाद से फिलीस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। इस जंग को लेकर आए दिन सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो और फोटोज काफी वायरल होते रहते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि फिलीस्तीन के लोग नकली मेकअप कर इजराइल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है। इस वीडियो में एक युवक के साथ हिजाब पहने कई महिलाओं को लोगों के चेहरे और कपड़ों पर लाल रंग के निशान बनाते हुए देखा जा सकता है। वहीं फेसबुक पर इस पोस्ट को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा कि “पेलू स्तिन का एक और घिनौना रूप देखिए, ऐसा अर्टिफिशयल मेकअप करके अपने आप को विक्टिम दिखाने की कोशिश दीन वाले तो कर ही सकते है। अपने आप को सारी दुनिया के सामने बेचारा और इजरायल की मार का शिकार दिखाने के लिए देखो गाहे बगाहे ये कैसी नीचता करते है ,देखो जिससे दुनिया भर के मुस्लिम”।
पड़ताल
जब हमने इस वायरल वीडियो की जांच की तो हमें पता चला कि यह वीडियो 2017 का है। कीवर्ड की मदद से जब हमने गूगल सर्च किया तो 2018 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक ये वीडियो गाजा में 2017 में हुई एक वर्कशाप का है। इस वर्कशाप में युद्ध के दौरान घायल हुए लोगों को जिस तरह की चोटे आती है, उसी तरह लोगो के चहेरे पर मेकअप की मदद से निशान बनाए जा रहे थे।
इसके बाद वर्कशाप में मौजूद मेडिकल वर्कर्स को डॉक्टर्स की तरफ से इलाज करने की ट्रेनिंग भी दी गई थी। इस रिपोर्ट के अलावा यूट्यूब पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो में मरियम सलाह नाम की फिलीस्तीन की मेकअप आर्टिस्ट मौजूद थी। मरियम फिल्मों में दिखाए जाने वाले चोटिल आर्टिस्ट का मेकअप करती है। मरियम फ्रांस में ‘डॉक्टर्स ऑफ द वर्ल्ड’ की चैरिटी ऑर्गनाइजर है जो दुनिया में आपालकाल की स्थिती में इलाज पहुंचाने का काम करती है। उन्होंने ये वीडियो गाजा में रहने वाले लोगो के हालात को देखते हुए जागरुकता फैलाने के मकसद से बनाया था। इसके बाद हमें इस वायरल वीडियो का यूट्यूब चैनल ‘गाजा पोस्ट’ पर एक लंबा वर्जन मिला। यहां पर भी अरबी भाषा में लिखा हुआ है कि इस वीडियो के जरिये गाजा की स्थिती को दुनिया के सामने पेश किया जा रहा है।
हमने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल वीडियो इजराइल और फिलीस्तीन के युद्ध के दौरान का नहीं है। ये वीडियो गाजा में साल 2017 की एक वर्कशाप का है।